बावरा मन थिएटर ग्रुप
बावरा मन थिएटर ग्रुप एक ऐसा मंच है जहाँ कला, समाज और संवेदनाएँ एक साथ सांस लेती हैं। यह समूह लेखिका, निर्देशिका और अभिनेत्री सुनीता अग्रवाल द्वारा स्थापित किया गया है, जिनका विश्वास है कि थिएटर केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि परिवर्तन का माध्यम है।
पिछले कई वर्षों में, बावरा मन ने अनेक नाट्य प्रस्तुतियाँ की हैं, जो समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों — महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय और मानवीय संवेदनाओं — को बेहद संवेदनशीलता और गहराई से प्रस्तुत करती हैं।
हम मानते हैं कि रंगमंच केवल अभिनय नहीं, बल्कि संवाद का माध्यम है — एक आईना जो समाज के सच को दिखाता है, सोच को झकझोरता है और मनुष्यता को जोड़ता है। हमारे नाटकों को देशभर के प्रतिष्ठित सभागारों में प्रस्तुत किया गया है और दर्शकों व समीक्षकों से अत्यधिक सराहना मिली है।
बावरा मन का उद्देश्य है कि कला के माध्यम से समाज में जागरूकता लाई जाए, महिलाओं और हाशिए पर खड़े लोगों की आवाज़ को मंच मिले, और हर प्रस्तुति दर्शकों के भीतर संवेदना और विचार का संचार करे।
प्रोजेक्ट्स
कहानी कहने का एक नया तरीका पेश करते हैं।
संवेदनशील कहानियाँ
हम समाज की अनकही कहानियों को जीते हैं।


नाटक
समर्पित संस्था जो रंगमंच पर सोच बदलती है।
बावरा मन थिएटर ग्रुप के नाटक समाज की सच्चाइयों को उजागर करते हैं, अद्भुत अनुभव है।
पराग रोहतगी
इनके नाटक केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सोचने और बदलाव के लिए प्रेरित करते हैं। अद्भुत!
विभा गुर्टू
★★★★★
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कहानी
हमारे नाटक समाज को सही दिशा में सोचने को प्रेरित करते हैं।
संपर्क
थिएटर
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